रूद्रपुर (देवरिया) :उपजिलाधिकारी के न्यायालय में बहुत दिनों की पुरानी पत्रावलियो मे कुछ ऐसे आदेश पड़े हुए हैं जिनका अभी तक पालन तक नहीं हुआ है जिसका कारण यह है की प्राईवेट कर्मचारियों द्वारा वादी अथवा प्रतिवादी किसी एक पक्ष से प्रभावित होकर तथ्य को छिपा दिया जाता हैं अर्थात् आदेश का पालन नही हो पाता है प्राईवेट कर्मचारियों के वजह से पत्रावलियो की कार्यवाही ज्यो की त्यो पड़ी रहती हैं किसी आदेश का अनुपालन तक नहीं हो पाता है इसके अतिरिक्त प्रत्येक दिन लगभग सौ से डेढ़ सौ तक पत्रावलिया लगा दी जाती हैं किंतु सुनवाई अधिकतम पचास या साठ पत्रावलियो में हो पाती हैं शेष मुकदमो में तिथिनियत हो जाती हैं वादी और प्रतिवादी को मजबूर होकर वापस जाना पड़ता है प्राईवेट कर्मचारियों के रजामंदी से सुनवाई हेतु पत्रावलियो का नंबर लगाया जाता है शेष पत्रावली न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत नही हो पाती इस तरह की कार्यवाही निरंतर चलता रहता है। न्यायालय को ऐसी स्थिति में चाहिए की पुरानी पत्रावलियो को प्राथमिकता के साथ पहले नंबर पर रखा जाने के लिए कर्मचारियों को निर्देशित किया जाए इसी क्रम में सन् दो हजार सत्रह अठारह की एक पत्रावली मे 29/06/2018 को स्थगन आदेश पारित किया गया है किंतु आज तक उक्त आदेश का पालन ना होने के पश्चात 27/11/2024 को आदेश पालन हेतु रमेश पुत्र अक्षयबर मौजा देवकली तप्पा नई द्वारा प्रस्तुत किया गया है।वर्तमान ऊपजिलाधिकारी महोदया को चाहिए की इस तरह की कार्यवाही के संबंध में संज्ञान लेते हुए तत्परता के साथ न्यायिक कार्यवाही करने का निर्णय ले जिससे वादकारियो को अनावश्यक रूप से न्यायालय का चक्कर ना लगाना पड़े और समय और अर्थ दोनों की बचत हो साथ ही साथ न्यायालय में ज्यादा भीड़ से भी मुक्ति मिले।
उपजिलाधिकारी के आदेश का मखौल उडाया जा रहा है।
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