*भलुवनी ( देवरिया) : विकास खंड के अंतर्गत ग्राम परसिया जद्दू मे झारखंडी महादेव का हज़ारो वर्ष पुराना मंदीर था जो जीर्ण शिर्ण हो गया था इस मंदीर को बनाने का कारण यह रहा कि खेत मे हल चलाते समय शिवलिंग हल से टकरा गया और इस घटना का जनता ने प्रचार प्रसार होने के बाद गाँव जवार के लोग मौके पर पहुँचे और शिवलिंग की खुदाई शुरू हुई जिसका ओर छोर का पता ना मिलने पर वही पर खुदाई करना बंद कर दिया और एक मंदीर का निर्माण जनता के सहयोग से करा दिया गया और झारखंडी महादेव के नाम से इन्हे पुकारा जाने लगा गाँव के बुजुर्गो का कहना है की एक समय की बात है गाँव में एक संत जी आए उस वक्त सुखा पड़ा हुआ था गाँव के लोग चिंतित थे धान की फसल सुख रही थी यानी लोग दुखी थे ऐसी स्थिति में संत जी ने ग्रामीणों के मनोभाव को जानकर स्वयं मंदीर मे स्थित शिवलिंग को अपने देख-रेख मे लोगो को पवित्रता के साथ कच्चा घडा मंगवाया और उसी के जल से शिवलिंग को डुबवा दिया चौबीस घंटे बाद उक्त डुबोये हुए शिवलिंग के पानी को नाबदान के जरिये बाहर निकलवा दिया गया तथा देशी घी से घंटो तक शिवलिंग की मालिश होती रही और हवन करने के बाद बारह ब्राह्मणो को भोजन दक्षिणा तथा मुखशुद्धि के लिए पान सुपारी देकर प्रणाम करवाया गया यह योग करने के तत्काल जोरदार बारिश होने लगी इस विधि से जब भी अकाल या सुखा की स्थिति आने पर निरंतर लोग करने लगे और झारखंडी महादेव पानी बरसाने लगे यहाँ की यह परंपरा पूर्ववत चली आ रही है गाँव जवार के कुछ लोग इन्हे चमत्कारी बाबा के नाम से पुकारते है कुछ लोग झारखंडी महादेव भी कहते है । प्राचीन मंदीर जीर्ण शिर्ण होने के बाद गाँव जवार के लोगो ने चंदा करके नूतन मंदीर बनवा दिये है जहाँ मंदीर देखकर संत महात्मा अथिति गढ़ आते जाते है किंतु उनके रहने का न तो स्थान है और न भोजन जलपान की व्यवस्था है ज्ञात हो की लगभग दस बारह साल से भौतिकवादी लोगो ने प्राचीन परंपरा को छोड़कर अकाल एवं सुखा पड़ने पर पंपसेट आदि से भूमि दोहन के द्वारा अपने फसलों मे पानी चलवाना आसान समझते है किंतु प्राचीन परंपराओ को त्याग कर दिये है अर्थात मुख मोड लिए है ऐसे में जिलाधिकारी दिव्या मित्तल जी से ग्रामीण जनता मांग करती हैं की स्थलीय जाँच तथा चमत्कारी बाबा के संबंध में पता करके मंदीर का सुंदरीकरण का प्रस्ताव भेजने का कष्ट करे।
जिलाधिकारी से शिव मंदीर के सुंदरीकरण की मांग
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