*उत्तर प्रदेश पुलिस परिषद के गठन की मांग को लेकर लखनऊ में प्रदेश भर के पुलिसकर्मी आंदोलनरत थे। उस समय आई०जी० पुलिस के निर्देशन मे उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जिले से सीनियर इंस्पेक्टरो को एकत्रित कर आंदोलनरत पुलिसकर्मीयों की भीड़ को तीतर -बितर करने के लिए एक रणनीति के तहत आई०जी० पुलिस ने छापा मरवा दिया। और कुछ पुलिसकर्मीयो गिरफ्तार भी कर लिया गया। अधिक से अधिक पुलिसकर्मी गुप्त सूचना पर चुपके से फरार हो गए। उस रात्रि के दूसरे दिन की बात है श्री भृगुनाथ सिंह जो जिला गाजीपुर के निवासी थे जो बातोबात में बताया कि किसी भी थाना के गैंगस्टर क्यो न हो पुलिस थाने के एस०ओ० का दाहिना अंग होता है। तथा सांसद और विधायक का मौसेरा भाई होता है। यही कारण है की सांसद विधायक पुलिस थाने के एस०ओ० गैंगस्टर के जान माल की सुरक्षा भी प्रदान करते है और उसके दिशा निर्देशों का भी पालन करते हैं। यह कथन पुलिस परिषद के तत्कालीन नेता भृगुनाथ सिंह की है। इस कथन के संबंध में यह कहना है कि यह शत प्रतिशत इस विचार से हम सहमत नही है किंतु बहुत से पुलिस अधिकारियों और नेताओ को हमने देखा है कि ईमानदार और कर्मनिष्ठ है। सभी किसी भी दबाव में गलत काम नही करते है और वर्तमान में भी मौजूद हैं।
*गैंगस्टर पुलिस थाने के एस०ओ० का दाहिना अंग होता है।
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